राजस्थानी लोक गीत जिसमे एक बड़ी होती राजपूत लड़की, अपनी मां से अपने होने वाले पति के बारे में अपनी इच्छाएं बताती है. यह गीत घूमर लोक नृत्य के साथ गाया जाता है. पेश है आपके सामने एक ऐसा ही गीत...
ओ म्हाने रमता ने काजळ टिकी लादया ऐ माँ
घुमर रमवा म्हें जास्याँ
ओ राजरी घुमर रमवा म्हें जास्याँ
ओ.. म्हाने राठौड़ा री बोली प्यारी लागे ये माँ
ओ.. म्हाने राठौड़ा री बोली प्यारी लागे ये माँ
घूमर रम्बा म्हें जास्यां
ओ.. म्हाने राठौड़ा री बोली हीरा तोली ये माँ
ओ.. म्हाने राठौड़ा री बोली हीरा तोली ये माँ
घूमर रम्बा म्हें जास्यां
ओ.. म्हाने राठौड़ा रा पेच प्यारा लागे ये माँ
ओ.. म्हाने राठौड़ा रा पेच प्यारा लागे ये माँ
घूमर रम्बा म्हें जास्यां
ओ म्हाने रमता ने लाडूङो लादयो ऐ माँ
घुमर रमवा म्हें जास्याँ
ओ राजरी घुमर रमवा म्हें जास्याँ
ओ म्हाने परदेशियाँ मत दीजो ऐ माँ
घुमर रमवा म्हें जास्याँ
ओ राजरी घुमर रमवा म्हें जास्याँ
ओ.. म्हाने राठौड़ा रे घर भल दीज्यो ये माँ
ओ.. म्हाने राठौड़ा रे घर भल दीज्यो ये माँ
घूमर रम्बा म्हें जास्यां..
राजरी घूमर रम्बा म्हें जास्यां
ओ म्हारी घूमर छे नखराळी ऐ माँ
घुमर रमवा म्हें जास्याँ
ओ राजरी घुमर रमवा म्हें जास्याँ
ओ.. म्हाने जोधाणा रा कोट प्यारा लागे ये माँ
ओ.. म्हाने जोधाणा रा कोट प्यारा लागे ये माँ
घूमर रम्बा म्हें जास्यां
ओ.. राजरी घूमर रम्बा म्हें जास्यां
ओ.. म्हाने राठौड़ा री बोली प्यारी लागे ये माँ
ओ.. म्हाने राठौड़ा री बोली प्यारी लागे ये माँ
घूमर रम्बा म्हें जास्यां
ओ.. राजरी घूमर रम्बा म्हें जास्यां
ओ म्हारी घूमर छे नखराळी ऐ माँ
घुमर रमवा म्हें जास्याँ
ओ राजरी घुमर रमवा म्हें जास्याँ
Comments
Post a Comment