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आइजो जी घुमेरदार लंजो..

पति और पत्नी जीवन की इस यात्रा में एक दूसरे के सुख और दुख के साथी होते हैं। इस यात्रा में कभी बसंत होता है तो कभी पतझड़ के दिन। हंसना रोना, रूठना मनाना प्रेम के ही रूप हैं। एक पत्नी किस तरह हक़ से अपने पति से श्रृंगार की वस्तुओं की मांग कर रही है, इसका सुंदर वर्णन इस लोक गीत में किया गया है।
बादिला लेता आइजो जी घुमेरदार लंजो
आलीजा लेता आइजो जी घुमेरदार लंजो
घुमेरदार लंजो...
अन्दाता लेता आइजो जी घुमेरदार लंजो

म्हारे माथा ने मैमद लाइजो और रखडी रतन जड़ाई जो...
बादिला लेता आइजो जी घुमेरदार लंजो
आलीजा लेता आइजो जी घुमेरदार लंजो
घुमेरदार लंजो...
अन्दाता लेता आइजो जी घुमेरदार लंजो

म्हारी बैयाँ ने चुडलो लाइजो, म्हारी नथनी रतन जड़ाई जो...
बादिला लेता आइजो जी घुमेरदार लंजो
आलीजा लेता आइजो जी घुमेरदार लंजो
घुमेरदार लंजो...
अन्दाता लेता आइजो जी घुमेरदार लंजो

पगल्या ने पायल लाइजो म्हारा बिछया रतन जड़ाई जो...
बादिला लेता आइजो जी घुमेरदार लंजो
आलीजा लेता आइजो जी घुमेरदार लंजो
घुमेरदार लंजो...
अन्दाता लेता आइजो जी घुमेरदार लंजो

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