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एक बार आओजी जवाईजी पावणा

राजस्थानी घर परिवारों में 'जंवाई सा' मतलब दामाद का अलग ही महत्व होता है। उनकी खातिरदारी में कोई कमी नहीं रखी जाती। 'जंवाई' जी को घर बुलाने के लिए प्रयत्न करते एक गीत जिसमे अलग अलग परिजन उन्हें बुलाने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन 'जंवाई सा' सिर्फ अपनी 'लाडी' मतलब पत्नी के बुलाने पर ही ससुराल जाने को तैयार होते हैं।
 

एक बार आओजी जवाईजी पावणा
थाने सासूजी बुलावे घर आज जवाई लाडकड़ा
सासूजी ने मालुम होवे म्हारे घरां भी मोकलो काम
सासूजी म्हाने माफ़ करो
एक बार आओजी जवाईजी पावणा
थाने सासूजी बुलावे घर आज जवाई लाडकड़ा
 थाने सुसराजी बुलावे घर आज जवाई लाडकड़ा
सुसराजी ने मालूम होवे भाई म्हारे आज हुयो
म्हारे घरां छै मोकलो काम
सुसराजी म्हाने माफ़ करो
एक बार आओजी जवाईजी पावणा
थाने साळीजी बुलावे घर आज जवाई लाडकड़
साळीजी ने मालुम होवे साढुजी ने भेजू हूँ
म्हारा साढुजी नाचेला सारी रात
साळीजी म्हाने माफ़ कारो
म्हारा साढुजी नाचेला सारी रात
साळीजी म्हाने माफ़ करो
एक बार आओजी जवाईजी पावणा
थाने सलोजी बुलावे घर आज
सालोजी ने मालूम होवे थारो भी ख्याल छे
थारो आवती तीजां नै करस्यां ब्याव साळोजी म्हाने माफ़ करो
एक बार आओजी जवाईजी पावणा
थाने बुवाजी बुलावे घर आज जवाई लाडकड़ा
बुवाजी ने मालुम होवे म्हारा भी बुवाजी आया
मैं तो बुवाजी ने जोडू लंबा हाथ बुवाजी म्हाने माफ़ करो
एक बार आओजी जवाईजी पावणा
थाने लाडीजी बुलावे घर आज जवाई लाडकड़ा
लाडीजी बुलावे है तो लाडोजी भी आवे है
मैं तो जाऊंला सासरिये दौड़ साथिङा म्हाने माफ़ करो

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