भारत के राष्ट्रपिता कहे जाने वाले महात्मा मोहनदास करमचंद गांधी (बापू) की बीते दिन पुण्यतिथि थी. नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी जी की हत्या की थी. बापू की हत्या से पूरा देश शोकाकुल हो उठा. इसी घटना के बाद एक प्रसिद्ध नारायण सिंह के द्वारा एक भोजपुरी गीत लिखा गया, जिससे देश भर में लोगों की मनोदशा को पता चलता है.
दुखियन के तन मन प्रान चलल
जब तीस जनवरी जाति रहल , सुक के संझा मुसुकाति रहल
दिल्ली मे भंगी बस्ती के , धरती मन मे अगराति रहल ॥
जन जन पूजा मयदान चलल
तनिकी बापू के देर भइलि , पूजा मे अधिक अबेरि भइल
अकुलाईल आंखि हजारन गो बिछि राह बीच बहूबेरि भइल ॥
तब भक्तन के भगवान चलल
बजि पांचि सुई कुछ घूम चललि बदरी जब लालि चुमि चलल
तब क्षितिज-छोर से बिपति-नटी , जग रंगमंच पर झुमि चलल ॥
बनि साधू तँहा सयतान चलल
चुप चरन मंच का ओर चलल , नंगा फकीर चितचोर चलल
पूजा का सांति सरोवर मे , छन मे आनंद हिलोर चलल ॥
अनमोल मधुर मुस्कान चलल
नतिनिन पर दुनो हाथ रहल , चप्पल मे दुनो लात रहल
अपधप धोती चमचम चसमा, चद्दर मे लिपटल गात रहल ॥
हरिपद मे लागल ध्यान चलल
पग पहिला सीढी पार चलल , तबले नाथू हतिआर चलल
पापी का नीच नमस्ते पर , बापू के प्यार दुलार चलल ॥
बनि लाल नील असमान चलल
जुटि हाँथ गइल अभिवादन मे , उठि माथ गइल अहलादन मे
अपना छाती के बजर बना जमदूत बढल आगे छन मे ॥
पिस्टल के साधि निशान चलल
मन राम नाम मे लीन रहल , तन सीढी पर आसीन रहल
मनु मंदिर मे बलिबेदी पर बलि-बकरा अधिक अधीन रहल ॥
कहि राम सरग मे प्रान चलल
जननी के जीवन लाल चलल , दुखियन के दीन दयाल चलल
थर-थर-थर धरती कांपि उठल , भारत भीतर भुँइचाल चलल ॥
जन-जन पर बिस के बान चलल
जग जेकर प्रेम समाज रहल बिन ताज सदा सिरताज रहल
मुठ्ठी भर हड्डी मे जेकर , कोटिन के लिपटल लाज रहल ॥
सबके मन के अरमान चलल
ऊ एक अकेल अनंत रहल , ऊ आदि रहल ऊ अंत रहल
सिख हिन्दू मुस्लिम इसाई , अल्ला ईस भगवंत रहल ॥
सबके संगम असथान चलल ....
2- रसूल मियाँ के गीत
के हमरा गांधीजी के गोली मारल हो,
धमाधम तीन गो
कल्हीये आजादी मिलल, आज चललऽ गोली,
गांधी बाबा मारल गइले देहली के गली हो,
धमाधम तीन गो...
पूजा में जात रहले बिरला भवन में,
दुशमनवा बैइठल रहल पाप लिये मन में,
गोलिया चला के बनल बली हो,
धमाधम तीन गो...
कहत रसूल, सूल सबका दे के,
कहां गइले मोर अनार के कली हो,
धमाधम तीन गो...
के हमरा गांधीजी के गोली मारल हो,
धमाधम तीन गो...
3-
बापू जी हमरे स्वर्ग सिधरले,
छोड़ले हमके केकरे सहारे।
बापू जी के जनम के बेला,
दुनिया में हलचल आ धूम मचल,
जब बापू जी जेहल गइल,
सवही दुख में डूवि गइल।
जब बापू के गोली लागल,
तब सारी दुनिया रोवे लागल।
4-
दियवा वुझवलसि पपिया सारा हिन्दुस्तान के,
के बापू कइले सुरपुर पवनवा, आरे भवनवा,
भइया जवाहर आ राजेन्द्रबाबू के संगिया रामा,
रोइ उठल सगरो जहनवा, आरे भगवनवा।
भारत हो गइल अनाथ, आरे भगवनवा।
5-
नथुआ गांधी जी के मरले अनेर में,
परि गइले ते फेर में ना।
जदि ते करिते अच्छा काम,
जग में होइत तोहरो नाम।
बाकि परि गइले ते आफत के फेर में ना
नथुआ गांधी जी के मरले अनेर में ।
6-
आवत रहले पूजा करे बिरला अटरिया,
खुनवा में डुवल रहे बापू के चदरिया।
शोलापुर से लेके रिवाल्वर,
अइले नाथू दिल्ली अन्दर,
दस हजार के चीर के नाथू,
वार कइलसि मजमें अन्दर,
तीन गोली लागल रहे वापू की पैजरिया।
गांधी जी का मरि गइला पर,
चन्दन काठ मंगाये
लाश बापू जमुना तट पर,
चिते पर जलवाये,
हर एक जगह तेरही मनल,
गाँधी जी के मरलसि, नाथू व्यभिचरिया।
हिन्दू मुसलमान कहे,
बापू हिन्द के तारा रहले,
किसान, मजदूर, भूखन के,
बापू एक सहारा रहले,
देसवा से गइले बापू फेरि के नजरिया।
Comments
Post a Comment