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झारखण्ड की धरती...

धरती जहां बिरसा जैसे बड़े शूरवीरों ने जन्म लिया, जहां चारों ओर हरियाली है, जहां की संस्कृति अपने आप में ही एक मधुर गीत के समान है... पेश है आपके समक्ष राजेश बाबू द्वारा लिखित यह नागपुरी गीत जो झारखंड की महान धरा का गुणगान करती है...

झारखण्डक धरती-, तोर कोरा केतना महान
झारखण्डक धरती-, तोर कोरा केतना महान
बड़े बड़े सूर वीर, जनम लेलंय बिरसा भगवान
बड़े बड़े सुर वीर, जनम लेलंय बिरसा भगवान...

दिन बेरा दिसेला, चाईरो कोना हरा भरा
राईत खने करेला, बिजली बती झकमक-
दिन बेरा दिसेला, चाईरो कोना हरा भरा
राईत खने करेला, बिजली बती- झकमक-
कोने कोना गीत गूंजे लागेला रे केतना सोहान
झारखण्डक धरती-, तोर कोरा- केतना महान
लागेला रे केतना सोहा-न...

रतन जड़ल माटी, फल फूल से गछ झबरा-ल
बहे निर्झर पानी, जन जन के करे खुशहा-ल
प्रकृति कर सुन्दरता लागेला रे स्वर्ग के समा-न
लागेला रे- स्वर्ग समान
झारखण्डक धरती-, तोर कोरा केतना महान...

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