गरबा डांडिया गुजरात के प्रसिद्ध नृत्य शैली है।नवरात्रि में गरबा जब किया जाता है तो प्रारम्भ देवी के भजन से किया जाता है। यह प्रसिद्ध भजन पावागढ़ वाली देवी को आह्वान करते हुए गाया जाता है।
पंखिडा रे उड़ी जाजे
पावागढ़ रे
पंखिडा रे उडी ने जाजो
पावागढ़ रे
मारी महाकाली ने जै ने
कह्जो गरबे रमे रे...
मरी कालका माँ ने जै ने
कह्जो गरबे रमे रे...
ओला गाम न सुथारी
वीरा वहला आवो रे...
मारी महाकाली ने माटे
रुडो बाजोट लावो रे
मारी कालका मां ने
रुडो बाजोट लावो रे..
सारो लावो सुंदर लावो
वहला आवो रे
मारी महाकाली ने जै ने
कह्जो गरबे रमे रे...
मारी कालका माँ ने जै ने
कह्जो गरबे रमे रे...
पंखिडा रे ओ पंखिडा रे...
ओला ओला गाम न रे मणीहारा
वीरा वहला आवो रे
मारी महाकाली ने माटे रुडो
चुडलो लावो रे
मारी कालका माँ ने माटे रुडो
चुडलो लावो रे
सारो लावो सुंदर लावो
वहला आवो रे
मारी महाकाली ने जै ने
कह्जो गरबे रमे रे...
मारी कालका माँ ने जै ने
कह्जो गरबे रमे रे...
पंखिडा रे ओ पंखिडा रे...
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