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फूलदेई

उत्तराखण्ड के पर्वतीय इलाकों में फूलों का त्यौहार फूलदेई या फुलसंग्राद बड़े ही उत्साह से मनाया जाता है। फूलदेई बसन्त ऋतु में चैत्र संक्रान्ति को नये वर्ष के आगमन पर खुशी प्रकट करने के लिए मनाया जाता है। गढ़वाल में कई गांवो में यह त्योहार पूरे महीने चलता है। एक स्वर में जब बच्चे फूलदेई से जुड़े गीतों को गाते हैं तो पूरा गांव गूंज उठता है।

फूलदेई, छम्मा देई
दैण द्वार भरी भकार
य देई कै बारम्बार नमस्कार

फूलदेई,छम्मा देई
हमर टुपर भरी जै
हमर देई में उनै रै

फूलदेई,छम्मा देई 

अर्थ: फूलदेई तुम हम सबकी देहरियों पर हमेशा विराजमान बने रहो और हमें खुशहाली प्रदान करते रहो। आपके आशीर्वाद से गांव इलाके में हम सभी के अन्न के गोदाम हमेशा भरे रहें।

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